वैज्ञानिकों की टीम ने पृथ्वी की गहराई में दो पाताल लोक की खोज की है।

वैज्ञानिकों की टीम ने पृथ्वी की गहराई में दो पाताल लोक की खोज की है।

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस ने इन पाताल लोक को लेकर रिपोर्ट जारी की है।

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस ने इन पाताल लोक को लेकर रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट में पाताल लोक की गहराई और दूरी की जानकारी बताई गई है।

रिपोर्ट में पाताल लोक की गहराई और दूरी की जानकारी बताई गई है।

रिपोर्ट के अनुसार इन पाताल लोक का निर्माण 4.5 अरब साल पहले हुआ था।

रिपोर्ट के अनुसार इन पाताल लोक का निर्माण 4.5 अरब साल पहले हुआ था।

बताया गया है कि, ये पाताल लोक पृथ्वी के नीचे 2900 किमी की गहराई में मौजूद है।

बताया गया है कि, ये पाताल लोक पृथ्वी के नीचे 2900 किमी की गहराई में मौजूद है।

जबकि, बंगाली रामायण में पाताल लोक की दूरी 1000 योजन बताई है।

जबकि, बंगाली रामायण में पाताल लोक की दूरी 1000 योजन बताई है।

यह दूरी सुरंग के माध्यम से भारत ओर  श्रीलंका की दूरी के बराबर है।

यह दूरी सुरंग के माध्यम से भारत ओर  श्रीलंका की दूरी के बराबर है।

हिन्दू धर्म में भी पाताल लोक की स्थिति पृथ्वी के नीचे बताई गयी है।

हिन्दू धर्म में भी पाताल लोक की स्थिति पृथ्वी के नीचे बताई गयी है।

इस पाताल लोक में नाग, दैत्य, दानव और यक्ष रहते है।

इस पाताल लोक में नाग, दैत्य, दानव और यक्ष रहते है।

ऑस्ट्रेलिया की कूबर पेडी जगह को भी पाताल लोक के नाम से जाना जाता है।

ऑस्ट्रेलिया की कूबर पेडी जगह को भी पाताल लोक के नाम से जाना जाता है।

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